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ऐ ज़िन्दगी थोड़ा तेज़ चल, मुझे मंज़िल बुला रही है......

ay zindagi thoda tez chal,mujhe manzil bula rahi hai..
ऐ ज़िन्दगी थोड़ा तेज़ चल,
मुझे मंज़िल बुला रही है,
देख चूका रंग दुनिया के,
फिर तू किस ज़िद्द पे अड़ गया,
राह तेरे चाहत की है,
फिर तू धीमा  क्यूँ पड़ गया,
जाग जा कच्ची नींद से अब,
संभाल ले अपने क़दमों को,
लय जीत का बनाये रख,
समेटते हुए हर लम्हों को,
रखते हुए यादें दिलों में,
महसूस कर इन बातों को,
प्यास नए ज़िन्दगी की अब,
आलस सब दूर भगा रही है,
ऐ ज़िन्दगी थोड़ा तेज़ चल,
मुझे मंज़िल बुला रही है,
सच की चौखट से झांक रहे,
वो सपने शायद मेरे हैं,
सच होने की उम्मीद लिए,
वो ख्वाब कितने सुनहरे हैं.
देख देख उन ख्वाबों को ही,
सोच ख़ुशी मंज़िल पाने की,
दिल फिर से नए दिनों के,
नए नए ख्वाब सजा रही है,
ऐ ज़िन्दगी थोड़ा तेज़ चल,
मुझे मंज़िल बुला रही है!

3 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

gud one

बेनामी ने कहा…

gud one

Unknown ने कहा…

thank u