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ek din ye mehnat meri,dekhna rang layegi jaroor.. |
देखना रंग लाएगी जरूर,
बस शौक नहीं है ये मेरा,
एक जूनून है जैसे लिखने का,
लाखों लोगों की भीड़ में,
चाहत थोड़ा अलग है दिखने का,
सिखने की कोई उम्र नहीं,
मैं तो आज भी सीखता हु,
और पल पल ज़िन्दगी की हलचल को,
शब्दों में बस लिखता हूँ,
भावनाओं में पिरोये शब्द ये मेरे,
यकीन है मंज़िल पायेगी जरूर,
एक दिन ये मेहनत मेरी,
देखना रंग लाएगी जरूर,
हक़ीक़त की ये दुनिया जब,
ख्वाबों को मेरे निहारेंगी,
चीख चीख के दुनिया तब,
मेरा नाम पुकारेगी,
विश्वास है अपनी कलम पे,
एक दिन ये ऐसा लाएगी,
तमाम दुनिया की खुशियां,
खुद चल के पास आएगी,
चाहत भरी मेरी राहों पे,
ज़िन्दगी ये कभी जाएगी जरूर,
एक दिन ये मेहनत मेरी,
देखना रंग लाएगी जरूर!
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