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हर बार यही सोचा हमने, शायद कल बेहतर होगा.......

har baar yahi socha humne,shayad kal behtar hoga..
खुशियों ने जब भी आँखें मूंदी,
दर्द का बादल जब भी छाया,
या जब कभी अकेलेपन में,
दिल तनहा हो कर घबराया,
उलझे मेरे मन में बस,
हर बार एक ही ख्याल आया,
शायद कल बदलेगा दिन,
दूर दिल से हर डर होगा,
हर बार यही सोचा हमने,
शायद कल बेहतर होगा,
दर्द हुआ दिल में हर बार,
जब कोई अपना हमसे रूठा,
न चाहते हुए भी सफर में,
जब भी किसी का हाथ छूटा,
खुलते ही नींद पलकों में,
न जाने कितना ख्वाब टूटा,
तब दिल ने खुद को आशा दिया,
खुशियों का फिर से दिलाशा दिया,
कल होंगे पूरे ख्वाब सारे,
सपनो से सजा हर मुकाम होगा,
हर बार यही सोचा हमने,
शायद कल बेहतर होगा!

2 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

beautiful lines

Unknown ने कहा…

Thanks vini...