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main ranjha tu heer meri.. |
जिस दिन से तुझको पाया है,
कहाँ उसके बाद कोई,
पसंद दिल को आया है,
चलूँ राह तनहा ही पर,
दीखता उसमे तेरा साया है,
एहसान मंद हु वक़्त का मैं,
जो तुझे करीब मेरे लाया है,
बस तेरी हाँ एक सुन लू जो,
संवर जाये तक़दीर मेरी,
अब कह भी दे होठों से अपने,
मैं रांझा तू हीर मेरी,
तू कह दे कुछ यु भी तो,
हर बात तेरी मुझसे पहले,
मतलब न हो चाहे कुछ भी,
दो पल को सही मेरा दिल तो बहले,
छोड़ हर रस्म रिवाज़ तू,
आजा संग में मेरे जी ले,
अपनी ही मर्ज़ी तू चला,
नखड़े तेरे दिल हस के सह ले,
साथ तेरा ना हो लगता,
खुशियों की हर नींव अधूरी,
अब कह भी दे होठों से अपने,
मैं मिर्ज़ा तू साहिब मेरी,
जानती है तू भी अच्छे से,
मेरी ज़िन्दगी में बस तू ही है,
ख्वाब हैं पलकों में भले,
पर हर सपने में तू ही है,
जिक्र तेरा ही होता है,
मेरी कही हर बातों में,
ख्वाबों में भी तेरा ही चेहरा,
दीखता है मुझे हर रातों में,
तुझसे हीं शुरू तुझपे हीं खत्म,
ना चाहा किसी को तेरे बाद,
अब तू भी कह दे होठों से अपने,
तू शिरीन मेरी मैं तेरा फरहाद!
4 टिप्पणियां:
Thanks vineeta...
Its great♡
Its great♡
Thank u again...
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