आज हार मान ली है अपनी,
कल फिर लौट के आऊंगा,
जो चुन ली है मंज़िल अपनी,
उसे अंजाम तक पहुँचाऊँगा,
रोक सके तो रोक ले,
राह कि हर बाधा मुझे,
अब तो जान दे कर भी खुद से,
निभाना है हर वादा मुझे,
कुछ गलत फैसलों पे अपने,
भले हीं शर्मिंदा हूँ मैं,
हारा भी जरूर हूँ वक़्त से,
पर अभी ज़िंदा हूँ मैं,
देखा है अक्सर मैंने,
पंछियों को दूर उड़ते गगन में,
आसमा छूने कि चाह लिए,
देखी है ज़िद्द एक उनके लगन में,
कोशिशों से जो हारा न कभी,
आसमां का वही परिंदा हूँ मैं,
हारा भी जरूर हूँ वक़्त से,
पर अभी ज़िंदा हूँ मैं..
कल फिर लौट के आऊंगा,
जो चुन ली है मंज़िल अपनी,
उसे अंजाम तक पहुँचाऊँगा,
रोक सके तो रोक ले,
राह कि हर बाधा मुझे,
अब तो जान दे कर भी खुद से,
निभाना है हर वादा मुझे,
कुछ गलत फैसलों पे अपने,
भले हीं शर्मिंदा हूँ मैं,
हारा भी जरूर हूँ वक़्त से,
पर अभी ज़िंदा हूँ मैं,
देखा है अक्सर मैंने,
पंछियों को दूर उड़ते गगन में,
आसमा छूने कि चाह लिए,
देखी है ज़िद्द एक उनके लगन में,
कोशिशों से जो हारा न कभी,
आसमां का वही परिंदा हूँ मैं,
हारा भी जरूर हूँ वक़्त से,
पर अभी ज़िंदा हूँ मैं..
3 टिप्पणियां:
Excellent...
Nice lines
thank u..
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