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कोई तो मुझे बताये ज़रा, क्या प्यार इसे ही कहते हैं..........

koi to mujhe bataye zara,kya pyar ise hi kehte hain..
कोई तो मुझे बताये ज़रा,
क्या प्यार इसे ही कहते हैं,
जब ख़ुशी आये चेहरे पे,
सोच किसी की बात को,
छुप न पाए हसरतें दिल की,
पाकर किसी के साथ को,
यादें जब मक़सद बने जीने का,
और नींद नहीं आये रात को,
जब दूरियों में हो कर भी,
कोई दिल में हर पल रहते हैं,
कोई तो मुझे बताये ज़रा,
क्या प्यार इसे ही कहते हैं,
जब दिल में खुद के खुशियों की,
कदर न उतनी रहती है,
बस सुनाई देता उतना ही,
दिल की धड़कन जो कहती है,
जब सूरत कोई आँखों में,
इस कदर बस जाता है,
की दूर एक पल भी होने पर,
उलझन में दिल पड़ जाता है,
हस्ते हैं फर वो दुनिया के आगे,
और दर्द छुपा के सहते हैं,
कोई तो मुझे बताये ज़रा,
क्या प्यार इसे ही कहते हैं!

6 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

all poems r really very touching n gud one

Unknown ने कहा…

Thanks vinni..

Vivek Sharma ने कहा…

Nice h boss

Unknown ने कहा…

Vry good....

Unknown ने कहा…

Thank u

बेनामी ने कहा…

It is so lovely..... Kya pyar isi ko kehte hai