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फ़िलहाल बस इतना बता दो, बच्चों का क्या नाम रखेंगे..........

bachhon ka kya naam rakhenge..
रिश्तों की नयी शुरुआत में,
जब हम तुम होंगे साथ में,
तुम ही तुम दिखोगे हर पल,
मेरे हर दिन रात में,
फिर तुम बता दो ख्वाबों से,
कैसे भला दूरी होगी,
चेहरे पे उदासी दिख जाए,
ऐसी भी क्या मज़बूरी होगी,
फिर तो अधूरे ख्वाबों के,
पूरे मेरे पैगाम दिखेंगे,
फ़िलहाल बस इतना बता दो,
बच्चों का क्या नाम रखेंगे,
साथ होगी जब तू हक़ीक़त में,
फिर ख्वाबों में क्यूँ रात होगी,
तब तो सूनी हर धड़कन से,
बस एक तेरी ही बात होगी,
फिर गम में तुझे हँसाना और,
तेरी खुशियों में जीना सीखेंगे,
फ़िलहाल बस इतना बता दो,
बच्चों का क्या नाम रखेंगे,
सोचते रहते हैं एक तुझे और,
खुद में खोये रहते हैं,
तुम्हे ही याद करने के बहाने,
झूठी नींद में सोये रहते हैं,
कभी गम तो कभी ख़ुशी के,
जो भी पल यादों में दीखते हैं,
हर रोज ही अपने शब्दों में,
उन बातों को हम लिखते हैं,
आज लिखते हैं बीते पल तो कल,
नयी ज़िन्दगी की शुरुआत लिखेंगे,
फ़िलहाल बस इतना बता दो,
बच्चों का क्या नाम रखेंगे!