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ख्वाबों से पलकों तक आती, रौशनी वो धीमी सी....

khwabon se palkon tak aati raushni wo dhimi si....
ख्वाबों से पलकों तक आती,
रौशनी वो धीमी सी,
कर देती बेताब दिल को,
यादें वो सहमी सहमी सी,
राहें तेरी देख देख,
कई सावन यूँही बीत गए,
बेबस और लाचार हो के,
यादों के मौसम रीत गए,
फिर भी दिल में एक तू ही है,
होठों पे इक बस नाम तेरा,
दिल धड़कन संग मेरी तड़पन,
सुबह तेरी मेरा शाम तेरा,
टूक टूक देखे एक तुझे बस,
आँखों में अजब बेशर्मी सी,
ख्वाबों से पलकों तक आती,
रौशनी वो धीमी सी,
कर देती बेताब दिल को,
यादें वो सहमी सहमी सी!

3 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

Waahh janab

Unknown ने कहा…

Dhanyavad bhai..

ASHUTOSH KUMAR ने कहा…

Bahut accha dot ..lage raho ..God bless you.