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तेरी मुस्कान कहती धीरे से, की तुम्हे भी मुझसे प्यार है......

teri muskan kehti dheere se,ki tumhe bhi mujhse pyar hai...
तेरी मुस्कान कहती धीरे से,
की तुम्हे भी मुझसे प्यार है,
जब देखा हुआ तेरी पलकों का,
कोई ख्वाब अधूरा होता है,
दूरियाँ बढ़ जाए मुझसे,
कोई पल बुरा जो होता है,
तू लड़ती है तब कह के ये,
तुम प्यार न मुझसे करते हो,
तभी तो मेरी मेहंदी का,
रंग लाल न पूरा होता है,
आँखों की नमी कहती तब ये,
न समझ लेना तुम गलत मुझे,
इस गुस्से में है छिपा मेरा,
तुमसे हर पल इज़हार है,
तेरे लब कहते हैं इशारे में,
की तुम्हे भी मुझसे प्यार है,
दुनिया लगती जब खफा मुझे,
तुम तो न मुझसे तंग हो न,
तन्हाई कभी जो पास आती,
दिल पूछता तुम संग हो न,
तुम बिन क्यों जी न पाते हम,
चाह के भी अपने दिनों को,
तुम बिन कोई ख़ुशी न भाती क्यों,
खुशियों का मेरी तुम रंग हो न,
जान गया हूँ बेहतर अब,
रूह का तेरी हर कोना,
एकतरफा नहीं है वफ़ा मेरी,
तुम्हे भी मेरा इंतज़ार है,
तभी लब कहते हैं इशारे में,
की तुम्हे भी मुझसे प्यार है!

6 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

Bhut vdiya....

Unknown ने कहा…

बहुत बढिया भाई...

Unknown ने कहा…

Thank u..

Unknown ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Unknown ने कहा…

Thanks bhai..

Surbh! ने कहा…

तन्हाई कभी जो पास आती,
दिल पूछता तुम संग हो न...!!!
Superb Lines...👌👌👌