मेरे यार मेरे दोस्त मेरे भाई,
तुम बहुत याद आओगे,
तुम्हारे किस्से तुम्हारी बातें,
अब भी सोचते हैं तो हंसते हैं,
न चाहते हुए भी आपस में,
जिक्र तुम्हारा कर हीं देते हैं,
किसी को यकीन
आज भी नहीं होता है की,
तुम जिस आशिकी पे सब की हंसते थे,
सीधे शब्दों में हम सब को,
अक्सर हीं तुम कोसते थे,
तुमसे तो बिलकुल भी किसी को,
उम्मीदें ऐसी थी हीं नहीं,
हम सब के बीच एक,
तुम्हीं तो समझदार लगते थे,
फिर तुम कैसे इक पल में,
जिंदगी से ऐसे हार गए,
सपने तुम्हारे भी थे फिर कैसे,
हर ख्वाइश को तुम मार गए,
आज भी पछतावा होता है,
की उन आखिरी पलों में हम में से
कोई साथ क्यों नहीं था तुम्हारे,
शायद कोई रहता उन पलों में,
तो होते तुम आज बीच हमारे,
इक बार सही पर हर दफा आपस में,
पूछते जरूर हैं एक दूजे से
की गलती आखिर थी किसकी,
तुम गलत थे या समय खराब था,
या वो शराबी दोस्त तुम्हारा,
साथ रह रहे थे तुम जिसके,
खैर इन बातों का कभी अंत न होगा,
तुमसे कहने को इतना कुछ है पास हमारे,
इक दफा घरवालों की हीं सोच लेते,
वो भी तो थे खास तुम्हारे,
तुम्हे खबर है क्या जरा भी,
तुम्हारे जाने के बाद,
मां का तुम्हारी हाल क्या था,
जिस दिन तुम गए
हम में से किसी को,
खाना तक रास न आ रहा था,
सुबह हीं तो बात हुई थी तुमसे,
यकीन नहीं हो रहा था की,
अब कभी लौट के तुम नहीं आओगे,
तुम खो चुके हो अनंत में अब,
वापस इस जनम में तो नहीं आओगे,
आते अगर तो पूछना था तुमसे,
की तुममें थी हिम्मत इतनी कहां से आई,
तुम तो बड़े डरपोक से थे,
फिर सांसें तुम्हारी खुद खतम करने को
खुद में हिम्मत कहां से जुटा पाई,
मालूम हुआ घर से तुम्हारे,
की उन आखिरी पलों में तुम रोए बहुत थे,
शायद तुम्हे पछतावा था अपने किए का,
बचा लो मुझे गलती हो गई,
उस पल में सबसे तुम ये कह रहे थे,
पर मेरे दोस्त तब देर चुकी थी,
सांसें तुम्हारी अब
तुम्हारी भी नहीं सुन रही थी,
दीपावली का दिन था वो,
और मातम पसरा था घर में तुम्हारे,
सांसें टूट गई थी अगले दिन और,
टूटे थे साथ उम्मीदें सारे,
हम सहमे थे कई दिन तक इतने की,
जिक्र तुम्हारा करने से भी डरते थे,
सोचते थे तुम्हे हीं बस,
और अंदर हीं अंदर मरते थे,
वक्त लगा पर धीरे धीरे,
जख्म सबके थे भरने लगे,
डिग्री पूरी हो गई थी अगले साल सब की,
सब जिंदगी में अपनी,
कुछ न कुछ थे करने लगे,
पर हां
तुम्हे भूले नहीं हैं,
सोचते हैं तुम भी अगर जो साथ होते तो,
जिंदगी में अपनी कुछ न कुछ तो जरूर होते,
खैर
अब तुम जहां कहीं भी
जिस दुनिया में हो,
खुश रहना तुम जहां भी हो,
तुम चाहे याद ना भी करो,
हमसे न भूले जाओगे,
मेरे यार मेरे दोस्त मेरे भाई,
1 टिप्पणी:
Heart touching poem bhaiya
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