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ज़माना कोशिशें नहीं देखता बस, परिणाम देखा करता है....

तुम्हारे हारने की राह,

ज़माना देख रहा एक टक से है,

लड़ाई तुम्हारी मन मेरे,

क़िस्मत से नहीं तुम्हारे हक़ से है,

करो कोशिश आखिरी सांस तक तुम,

परिणाम रब पे छोड़ दो,

ख़ामख़ा के लोगों से,

तुम चाहो तो रिश्ता तोड़ दो,

मंज़िल प्रतीक्षा में है तुम्हारी,

दिल को यही पैगाम दो,

जो भी मन की चिंताएं हैं,

उन चिंताओं को तुम विराम दो,

बहकाये जो मन को बातें कोई,

वो बात वहीँ फिर रोक दो,

जितनी भी तुममे शक्ति है,

सारी की सारी झोंक दो,

किसी को खबर नहीं तुमने सहा है कितना,

कोई यहाँ नहीं कभी संघर्ष देखा करता है,

तुम्हे कामयाब होना हीं होगा,

तुम्हे कामयाब होना हीं होगा,

ज़माना कोशिशें नहीं देखता बस,

परिणाम देखा करता है!

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