ads

थोड़ी सी किस्मत रूठी है...

तकलीफें दिल में ले कर हुं चल रहा,

चेहरे की मुस्कान भले हीं झूठी है,

तय करूंगा मैं भी मंज़िल अपनी,

पूर्णतः आस अभी न टूटी है,

इक दिन झुकेगा आसमां भी,

तुम देखना खिदमत में मेरी,

लगन सच्ची इरादे नेक हैं मेरे,

बस थोड़ी सी किस्मत रूठी है!

कोई टिप्पणी नहीं: