तकलीफें दिल में ले कर हुं चल रहा,
चेहरे की मुस्कान भले हीं झूठी है,
तय करूंगा मैं भी मंज़िल अपनी,
पूर्णतः आस अभी न टूटी है,
इक दिन झुकेगा आसमां भी,
तुम देखना खिदमत में मेरी,
लगन सच्ची इरादे नेक हैं मेरे,
बस थोड़ी सी किस्मत रूठी है!
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