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नाकामियां साजिशें हैरानियाँ....
नाकामियां साजिशें हैरानियाँ
सब खड़े मेरे सामने फिर भी,
ये कदम नहीं रुकने वाले,
बुलंद इरादे मेरे कहां,
इतनी आसानी से हैं झुकने वाले,
कुछ किस्से कुछ कहानियों को,
हम छोड़ आए हैं पीछे हीं,
ताल्लुक था जिनका उदासी से,
दिल को जो थे दुखने वाले!
2 टिप्पणियां:
Unknown
ने कहा…
Bahut khub 👍👍
26 जुलाई 2022 को 3:12 pm बजे
Unknown
ने कहा…
❤️❤️❤️❤️
3 अगस्त 2022 को 10:52 pm बजे
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मुझे मेरा घर याद आता है........
2 टिप्पणियां:
Bahut khub 👍👍
❤️❤️❤️❤️
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