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नाकामियां साजिशें हैरानियाँ....

नाकामियां साजिशें हैरानियाँ
सब खड़े मेरे सामने फिर भी,
ये कदम नहीं रुकने वाले,
बुलंद इरादे मेरे कहां,
इतनी आसानी से हैं झुकने वाले,
कुछ किस्से कुछ कहानियों को,
हम छोड़ आए हैं पीछे हीं,
ताल्लुक था जिनका उदासी से,

दिल को जो थे दुखने वाले! 

2 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

Bahut khub 👍👍

Unknown ने कहा…

❤️❤️❤️❤️