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जिस पे है गुजरी वही जाना है..
सोचने से मंज़िल नहीं मिली किसी को,
जीता वही जो यहाँ लड़ा है,
अरे दुःख को भी इतनी फुर्सत कहाँ की,
किसी एक के हीं पीछे पड़ा है,
जिस पे है गुजरी वही जाना है,
दुःख की क्या है परिभाषा वरना ,
हर किसी को यहाँ यही है लगता,
दुःख उसका हीं बस सबसे बड़ा है!
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मुझे मेरा घर याद आता है........
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