जब उलझनों में खुद को,
उलझा सा मैं पाता हूँ,
चलते चलते राहों में जब,
अचानक रुक सा जाता हूँ,
आईने में अक्सर जब,
खुद को तलाशता रहता हूँ,
लोग पूछते हैं वजह फिर भी,
जब लोगों से छुपाता हूँ,
तुम्हें सोचता हूँ,
तुम्हें खोजता हूँ,
तू दिखती ना जब पास मेरे,
मैं थोड़ा सहम सा जाता हूँ,
आज भी सब कुछ वैसा हीं है,
दिन वही रातें भी वही,
ज़िद्द वही बातें भी वही,
दिल ढूढ़ता फिर जवाब यही,
क्यूँ साथ मेरे अब तू नहीं
क्यूँ साथ मेरे अब तू नहीं....
2 टिप्पणियां:
Nice bhaiya 🥰🥰
Thank you
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