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हम भारत के वासी हैं........

hum bharat ke vasi hain....
जहाँ दिलों में जीत की,
दिखती हर पल आँधी है,
जहाँ रिश्तों ने खुद में ही,
एक गाँठ ऐसी बाँधी है,
सुकून है जहाँ की मिट्टी में,
यादों में महात्मा गाँधी है,
हम उसी देश के वासी है,
जहाँ अनजाने लोगों को भी,
हम भाई कह के बुलाते हैं,
जहाँ नीम की शीतल छाव में,
देवताओं को अब भी झूलते हैं,
जहाँ बच्चों को लोरियों में हम,
ज्ञान की बात बताते हैं,
और जहाँ बहन की रक्षा में,
भाई अब भी प्राण गवाते हैं,
हम उसी देश के वासी है,
जिस देश में पेड़ के नीचे बैठ,
बुद्धा ने पूरा ज्ञान पाया,
जहाँ सीता माँ की खोज में,
हनुमान ने भूला ध्यान पाया,
जहाँ पे कृष्ण की कृपा से,
द्रोपदी ने खोया मान पाया,
और जहाँ देश की रक्षा में,
वीरों ने हँस के प्राण गवाया,
हम उसी देश के वासी है,
जिस देश में नदियों से भी,
लोग रिश्ते जोड़ा करते हैं,
और जहाँ पे सूनी रातों में हम,
चाँद से बातें करते हैं,
हम उसी देश के वासी है,
जिस देश के लोगों ने हँस के,
दुश्मन से प्यार जताया है,
लाख गीले हों दिल में पर,
मिल कर ख़ुशी दुहराया है,
हम वो नहीं जो लांघ शरहदें,
घुसते रहें दूजे मुल्कों में,
हमने तो पहली कोशिश में,
मंगल पर पैर जमाया है,
हम उसी देश के वासी है,
जहाँ मौसमों को देख लगता,
कितना ये मधुर अभिलाषी है,
हर बार गर्व होता कह के,
की हम भारत के वासी हैं!

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