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khwabon se palkon tak aati raushni wo dhimi si.... |
रौशनी वो धीमी सी,
कर देती बेताब दिल को,
यादें वो सहमी सहमी सी,
राहें तेरी देख देख,
कई सावन यूँही बीत गए,
बेबस और लाचार हो के,
यादों के मौसम रीत गए,
फिर भी दिल में एक तू ही है,
होठों पे इक बस नाम तेरा,
दिल धड़कन संग मेरी तड़पन,
सुबह तेरी मेरा शाम तेरा,
टूक टूक देखे एक तुझे बस,
आँखों में अजब बेशर्मी सी,
ख्वाबों से पलकों तक आती,
रौशनी वो धीमी सी,
कर देती बेताब दिल को,
यादें वो सहमी सहमी सी!